Be yourself; Everyone else is already taken.
— Oscar Wilde.
This is the first post on my new blog. I’m just getting this new blog going, so stay tuned for more. Subscribe below to get notified when I post new updates.
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1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, निर्गमन 13:12 कि क्या मनुष्य के क्या पशु के, इस्राएलियों में जितने अपनी अपनी मां के जेठे हों, उन्हें मेरे लिये पवित्र मानना; वह तो मेरा ही है॥
निर्गमन 13:23 फिर मूसा ने लोगों से कहा, इस दिन को स्मरण रखो, जिस में तुम लोग दासत्व के घर, अर्थात मिस्र से निकल आए हो; यहोवा तो तुम को वहां से अपने हाथ के बल से निकाल लाया; इस में खमीरी रोटी न खाई जाए। निर्गमन
13:34 आबीब के महीने में आज के दिन तुम निकले हो। निर्गमन
13:45 इसलिये जब यहोवा तुम को कनानी, हित्ती, एमोरी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में पहुंचाएगा, जिसे देने की उसने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी, और जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, तब तुम इसी महीने में पर्ब्ब करना। निर्गमन
13:56 सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, और सातवें दिन यहोवा के लिये पर्ब्ब मानना। निर्गमन
13:67 इन सातों दिनों में अखमीरी रोटी खाई जाए; वरन तुम्हारे देश भर में न खमीरी रोटी, न खमीर तुम्हारे पास देखने में आए। निर्गमन 13:78 और उस दिन तुम अपने अपने पुत्रों को यह कहके समझा देना, कि यह तो हम उसी काम के कारण करते हैं, जो यहोवा ने हमारे मिस्र से निकल आने के समय हमारे लिये किया था। निर्गमन
13:89 फिर यह तुम्हारे लिये तुम्हारे हाथ में एक चिन्ह होगा, और तुम्हारी आंखों के साम्हने स्मरण कराने वाली वस्तु ठहरे; जिस से यहोवा की व्यवस्था तुम्हारे मुंह पर रहे: क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपने बलवन्त हाथों से मिस्र से निकाला है। निर्गमन
13:910 इस कारण तुम इस विधि को प्रति वर्ष नियत समय पर माना करना॥ निर्गमन 13:1011 फिर जब यहोवा उस शपथ के अनुसार, जो उसने तुम्हारे पुरखाओं से और तुम से भी खाई है, तुम्हे कनानियों के देश में पहुंचाकर उसको तुम्हें दे देगा, निर्गमन
13:1112 तब तुम में से जितने अपनी अपनी मां के जेठे हों उन को, और तुम्हारे पशुओं में जो ऐसे हों उन को भी यहोवा के लिये अर्पण करना; सब नर बच्चे तो यहोवा के हैं। निर्गमन 13:1213 और गदही के हर एक पहिलौठे की सन्ती मेम्ना देकर उसको छुड़ा लेना, और यदि तुम उसे छुड़ाना न चाहो तो उसका गला तोड़ देना। पर अपने सब पहिलौठे पुत्रों को बदला देकर छुड़ा लेना। निर्गमन
13:1314 और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्र तुम से पूछें, कि यह क्या है? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात मिस्र देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है। निर्गमन
13:1415 उस समय जब फिरौन ने कठोर हो कर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मिस्र देश में मनुष्य से ले कर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं। निर्गमन
13:1516 और यह तुम्हारे हाथों पर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे; क्योंकि यहोवा हम लोगों को मिस्र से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है॥ निर्गमन
13:1617 जब फिरौन ने लोगों को जाने की आज्ञा दे दी, तब यद्यपि पलिश्तियों के देश में हो कर जो मार्ग जाता है वह छोटा था; तौभी परमेश्वर यह सोच कर उन को उस मार्ग से नहीं ले गया, कि कहीं ऐसा न हो कि जब ये लोग लड़ाई देखें तब पछताकर मिस्र को लौट आएं। निर्गमन 13:1718 इसलिये परमेश्वर उन को चक्कर खिलाकर लाल समुद्र के जंगल के मार्ग से ले चला। और इस्राएली पांति बान्धे हुए मिस्र से निकल गए। निर्गमन
13:1819 और मूसा यूसुफ की हड्डियों को साथ लेता गया; क्योंकि यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहके, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उन को इस विषय की दृढ़ शपथ खिलाई थी, कि वे उसकी हड्डियों को अपने साथ यहां से ले जाएंगे। निर्गमन
13:1920 फिर उन्होंने सुक्कोत से कूच करके जंगल की छोर पर एताम में डेरा किया। निर्गमन 13:2021 और यहोवा उन्हें दिन को मार्ग दिखाने के लिये मेघ के खम्भे में, और रात को उजियाला देने के लिये आग के खम्भे में हो कर उनके आगे आगे चला करता था, जिससे वे रात और दिन दोनों में चल सकें। निर्गमन
13:2122 उसने न तो बादल के खम्भे को दिन में और न आग के खम्भे को रात में लोगों के आगे से हटाया॥ निर्गमन 13:22


1 देखो, मैं अपने दूत को भेजता हूं, और वह मार्ग को मेरे आगे सुधारेगा, और प्रभु, जिसे तुम ढूंढ़ते हो, वह अचानक अपने मन्दिर में आ जाएगा; हां वाचा का वह दूत, जिसे तुम चाहते हो, सुनो, वह आता है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
मलाकी 3:1
2 परन्तु उसके आने के दिन की कौन सह सकेगा? और जब वह दिखाई दे, तब कौन खड़ा रह सकेगा? क्योंकि वह सोनार की आग और धोबी के साबुन के समान है।
मलाकी 3:2
3 वह रूपे का ताने वाला और शुद्ध करने वाला बनेगा, और लेवियों को शुद्ध करेगा और उन को सोने रूपे की नाईं निर्मल करेगा, तब वे यहोवा की भेंट धर्म से चढ़ाएंगे।
मलाकी 3:3
4 तब यहूदा और यरूशलेम की भेंट यहोवा को ऐसी भाएगी, जैसी पहिले दिनों में और प्राचीनकाल में भावती थी॥
मलाकी 3:4
5 तब मैं न्याय करने को तुम्हारे निकट आऊंगा; और टोन्हों, और व्यभिचारियों, और झूठी किरिया खाने वालों के विरुद्ध, और जो मजदूर की मजदूरी को दबाते, और विधवा और अनाथों पर अन्धेर करते, और परदेशी का न्याय बिगाड़ते, और मेरा भय नहीं मानते, उन सभों के विरुद्ध मैं तुरन्त साक्षी दूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥
मलाकी 3:5
6 क्योंकि मैं यहोवा बदलता नहीं; इसी कारण, हे याकूब की सन्तान तुम नाश नहीं हुए।
मलाकी 3:6
7 अपने पुरखाओं के दिनों से तुम लोग मेरी विधियों से हटते आए हो, ओर उनका पालन नहीं करते। तुम मेरी ओर फिरो, तब मैं भी तुम्हारी ओर फिरूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है; परन्तु तुम पूछते हो, हम किस बात में फिरें?
मलाकी 3:7
8 क्या मनुष्य परमेश्वर को धोखा दे सकता है? देखो, तुम मुझ को धोखा देते हो, और तौभी पूछते हो कि हम ने किस बात में तुझे लूटा है? दशमांश और उठाने की भेंटों में।
मलाकी 3:8
9 तुम पर भारी शाप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो; वरन सारी जाति ऐसा करती है।
मलाकी 3:9
10 सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।
मलाकी 3:10
11 मैं तुम्हारे लिये नाश करने वाले को ऐसा घुड़कूंगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥
मलाकी 3:11
12 तब सारी जातियां तुम को धन्य कहेंगी, क्योंकि तुम्हारा देश मनोहर देश होगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥
मलाकी 3:12
13 यहोवा यह कहता है, तुम ने मेरे विरुद्ध ढिठाई की बातें कही हैं। परन्तु तुम पूछते हो, हम ने तेरे विरुद्ध में क्या कहा है?
मलाकी 3:13
14 तुम ने कहा है कि परमेश्वर की सेवा करनी व्यर्थ है। हम ने जो उसके बताए हुए कामों को पूरा किया और सेनाओं के यहोवा के डर के मारे शोक का पहिरावा पहिने हुए चले हैं, इस से क्या लाभ हुआ?
मलाकी 3:14
15 अब से हम अभिमानी लोगों को धन्य कहते हैं; क्योंकि दुराचारी तो सफल बन गए हैं, वरन वे परमेश्वर की परीक्षा करने पर भी बच गए हैं॥
मलाकी 3:15
16 तब यहोवा का भय मानने वालों ने आपस में बातें की, और यहोवा ध्यान धर कर उनकी सुनता था; और जो यहोवा का भय मानते और उसके नाम का सम्मान करते थे, उनके स्मरण के निमित्त उसके साम्हने एक पुस्तक लिखी जाती थी।
मलाकी 3:16
17 सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि जो दिन मैं ने ठहराया है, उस दिन वे लोग मेरे वरन मेरे निज भाग ठहरेंगे, और मैं उन से ऐसी कोमलता करूंगा जैसी कोई अपने सेवा करने वाले पुत्र से करे।
मलाकी 3:17
18 तब तुम फिरकर धर्मी और दुष्ट का भेद, अर्थात जो परमेश्वर की सेवा करता है, और जो उसकी सेवा नहीं करता, उन दोनों को भेद पहिचान सकोगे॥
मलाकी 3:18
uancha yesu name
Amen
1 जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं?
भजन संहिता 2:1
2 यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरूद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैं, कि
भजन संहिता 2:2
3 आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियों अपने ऊपर से उतार फेंके॥
भजन संहिता 2:3
4 वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हंसेगा, प्रभु उन को ठट्ठों में उड़ाएगा।
भजन संहिता 2:4
5 तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगा, और क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगा, कि
भजन संहिता 2:5
6 मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।
भजन संहिता 2:6
7 मैं उस वचन का प्रचार करूंगा: जो यहोवा ने मुझ से कहा, तू मेरा पुत्रा है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ।
भजन संहिता 2:7
8 मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।
भजन संहिता 2:8
9 तू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े टुकड़े करेगा। तू कुम्हार के बर्तन की नाईं उन्हें चकना चूर कर डालेगा॥
भजन संहिता 2:9
10 इसलिये अब, हे राजाओं, बुद्धिमान बनो; हे पृथ्वी के न्यायियों, यह उपदेश ग्रहण करो।
भजन संहिता 2:10
11 डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और कांपते हुए मगन हो।
भजन संहिता 2:11
12 पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ; क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है॥ धन्य हैं वे जिनका भरोसा उस पर है॥
भजन संहिता 2:12
1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। प्रकाशित वाक्य 21:12 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। प्रकाशित वाक्य 21:23 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। प्रकाशित वाक्य 21:34 और वह उन की आंखोंसे सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। प्रकाशित वाक्य 21:45 और जो सिंहासन पर बैठा था, उस ने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उस ने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। प्रकाशित वाक्य 21:56 फिर उस ने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। प्रकाशित वाक्य 21:67 जो जय पाए, वही इन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा। प्रकाशित वाक्य 21:78 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥ प्रकाशित वाक्य 21:89 फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात पिछली विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उन में से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें कर के कहा; इधर आ: मैं तुझे दुल्हिन अर्थात मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा। प्रकाशित वाक्य 21:910 और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया। प्रकाशित वाक्य 21:1011 परमेश्वर की महिमा उस में थी, ओर उस की ज्योति बहुत ही बहुमूल्य पत्थर, अर्थात बिल्लौर के समान यशब की नाईं स्वच्छ थी। प्रकाशित वाक्य 21:1112 और उस की शहरपनाह बड़ी ऊंची थी, और उसके बारह फाटक और फाटकों पर बारह स्वर्गदूत थे; और उन पर इस्त्राएलियों के बारह गोत्रों के नाम लिखे थे। प्रकाशित वाक्य 21:1213 पूर्व की ओर तीन फाटक, उत्तर की ओर तीन फाटक, दक्खिन की ओर तीन फाटक, और पश्चिम की ओर तीन फाटक थे। प्रकाशित वाक्य 21:1314 और नगर की शहरपनाह की बारह नेवें थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे। प्रकाशित वाक्य 21:1415 और जो मेरे साथ बातें कर रहा था, उसके पास नगर, और उसके फाटकों और उस की शहरपनाह को नापने के लिये एक सोने का गज था। प्रकाशित वाक्य 21:1516 और वह नगर चौकोर बसा हुआ था और उस की लम्बाई चौड़ाई के बराबर थी, और उस ने उस गज से नगर को नापा, तो साढ़े सात सौ कोस का निकला: उस की लम्बाई, और चौड़ाई, और ऊंचाई बराबर थी। प्रकाशित वाक्य 21:1617 और उस ने उस की शहरपनाह को मनुष्य के, अर्थात स्वर्गदूत के नाप से नापा, तो एक सौ चौवालीस हाथ निकली। प्रकाशित वाक्य 21:1718 और उस की शहरपनाह की जुड़ाई यशब की थी, और नगर ऐसे चोखे सोने का था, जा स्वच्छ कांच के समान हो। प्रकाशित वाक्य 21:1819 और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से संवारी हुई तीं, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की। प्रकाशित वाक्य 21:1920 पांचवीं गोमेदक की, छठवीं माणिक्य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्त की, बारहवीं याकूत की। प्रकाशित वाक्य 21:2021 और बारहों फाटक, बारह मोतियों के थे; एक एक फाटक, एक एक मोती का बना था; और नगर की सड़क स्वच्छ कांच के समान चोखे सोने की थी। प्रकाशित वाक्य 21:2122 और मैं ने उस में कोई मंदिर न देखा, क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, और मेम्ना उसका मंदिर हैं। प्रकाशित वाक्य 21:2223 और उस नगर में सूर्य और चान्द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है। प्रकाशित वाक्य 21:2324 और जाति जाति के लोग उस की ज्योति में चले फिरेंगे, और पृथ्वी के राजा अपने अपने तेज का सामान उस में लाएंगे। प्रकाशित वाक्य 21:2425 और उसके फाटक दिन को कभी बन्द न होंगे, और रात वहां न होगी। प्रकाशित वाक्य 21:2526 और लोग जाति जाति के तेज और विभव का सामान उस में लाएंगे। प्रकाशित वाक्य 21:2627 और उस में कोई अपवित्र वस्तु था घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़ने वाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं॥ प्रकाशित वाक्य 21:27
1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा।
प्रकाशित वाक्य 21:1
2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।
प्रकाशित वाक्य 21:2
3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा।
प्रकाशित वाक्य 21:3
4 और वह उन की आंखोंसे सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।
प्रकाशित वाक्य 21:4
5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उस ने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उस ने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं।
प्रकाशित वाक्य 21:5
6 फिर उस ने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा।
प्रकाशित वाक्य 21:6
7 जो जय पाए, वही इन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।
प्रकाशित वाक्य 21:7
8 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥
प्रकाशित वाक्य 21:8
9 फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात पिछली विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उन में से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें कर के कहा; इधर आ: मैं तुझे दुल्हिन अर्थात मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।
प्रकाशित वाक्य 21:9
10 और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया।
प्रकाशित वाक्य 21:10
11 परमेश्वर की महिमा उस में थी, ओर उस की ज्योति बहुत ही बहुमूल्य पत्थर, अर्थात बिल्लौर के समान यशब की नाईं स्वच्छ थी।
प्रकाशित वाक्य 21:11
12 और उस की शहरपनाह बड़ी ऊंची थी, और उसके बारह फाटक और फाटकों पर बारह स्वर्गदूत थे; और उन पर इस्त्राएलियों के बारह गोत्रों के नाम लिखे थे।
प्रकाशित वाक्य 21:12
13 पूर्व की ओर तीन फाटक, उत्तर की ओर तीन फाटक, दक्खिन की ओर तीन फाटक, और पश्चिम की ओर तीन फाटक थे।
प्रकाशित वाक्य 21:13
14 और नगर की शहरपनाह की बारह नेवें थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे।
प्रकाशित वाक्य 21:14
15 और जो मेरे साथ बातें कर रहा था, उसके पास नगर, और उसके फाटकों और उस की शहरपनाह को नापने के लिये एक सोने का गज था।
प्रकाशित वाक्य 21:15
16 और वह नगर चौकोर बसा हुआ था और उस की लम्बाई चौड़ाई के बराबर थी, और उस ने उस गज से नगर को नापा, तो साढ़े सात सौ कोस का निकला: उस की लम्बाई, और चौड़ाई, और ऊंचाई बराबर थी।
प्रकाशित वाक्य 21:16
17 और उस ने उस की शहरपनाह को मनुष्य के, अर्थात स्वर्गदूत के नाप से नापा, तो एक सौ चौवालीस हाथ निकली।
प्रकाशित वाक्य 21:17
18 और उस की शहरपनाह की जुड़ाई यशब की थी, और नगर ऐसे चोखे सोने का था, जा स्वच्छ कांच के समान हो।
प्रकाशित वाक्य 21:18
19 और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से संवारी हुई तीं, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की।
प्रकाशित वाक्य 21:19
20 पांचवीं गोमेदक की, छठवीं माणिक्य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्त की, बारहवीं याकूत की।
प्रकाशित वाक्य 21:20
21 और बारहों फाटक, बारह मोतियों के थे; एक एक फाटक, एक एक मोती का बना था; और नगर की सड़क स्वच्छ कांच के समान चोखे सोने की थी।
प्रकाशित वाक्य 21:21
22 और मैं ने उस में कोई मंदिर न देखा, क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, और मेम्ना उसका मंदिर हैं।
प्रकाशित वाक्य 21:22
23 और उस नगर में सूर्य और चान्द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है।
प्रकाशित वाक्य 21:23
24 और जाति जाति के लोग उस की ज्योति में चले फिरेंगे, और पृथ्वी के राजा अपने अपने तेज का सामान उस में लाएंगे।
प्रकाशित वाक्य 21:24
25 और उसके फाटक दिन को कभी बन्द न होंगे, और रात वहां न होगी।
प्रकाशित वाक्य 21:25
26 और लोग जाति जाति के तेज और विभव का सामान उस में लाएंगे।
प्रकाशित वाक्य 21:26
27 और उस में कोई अपवित्र वस्तु था घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़ने वाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं॥
प्रकाशित वाक्य 21:27
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To help you get started, here are a few questions:
You’re not locked into any of this; one of the wonderful things about blogs is how they constantly evolve as we learn, grow, and interact with one another — but it’s good to know where and why you started, and articulating your goals may just give you a few other post ideas.
Can’t think how to get started? Just write the first thing that pops into your head. Anne Lamott, author of a book on writing we love, says that you need to give yourself permission to write a “crappy first draft”. Anne makes a great point — just start writing, and worry about editing it later.
When you’re ready to publish, give your post three to five tags that describe your blog’s focus — writing, photography, fiction, parenting, food, cars, movies, sports, whatever. These tags will help others who care about your topics find you in the Reader. Make sure one of the tags is “zerotohero,” so other new bloggers can find you, too.